ठंडा लोहा / Thanda Loha by धर्मवीर भारती / Dharmveer Bharti
Material type:
- 9789357756174
- 841.433 BHA
Item type | Current library | Call number | Status | Date due | Barcode | |
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Central Library | 841.433 BHA (Browse shelf(Opens below)) | Available | 001621 |
ठण्डा लोहा धर्मवीर भारती की प्रारम्भिक कविताओं का संग्रह है। इस संग्रह की कविताओं की अन्तरंग दुनिया ऐसे अनुभूति-केन्द्र पर उजागर हुई है जहाँ दिन, महीने और बरस उसकी ताजगी और महमहाते टटकेपन को रंचमात्र भी मैला नहीं कर पाते। स्वयं भारती जी के शब्दों में-
"इस संग्रह में दी गयी कचिलाएँ मेरे आरम्भिक छह वर्षों की रचनाओं में से चुनी गयी हैं और चूंकि यह समय अधिक मानसिक उथल-पुथल का रहा, अतः इन कविताओं में स्तर, भावभूमि, शिल्प और टीन की काफ़ी विविधता मिलेगी। एकसूत्रता केवल इतनी है कि सभी मेरी कविताएँ हैं, मेरे विकास और परिपक्वता के साथ उनके स्वर बदलते गये हैं; पर आप जरा ध्यान से देखेंगे तो सभी में मेरी आवाज़ पहचानी-सी लगेगी।... मेरी परिस्थितियों, मेरे जीवन में आने और आकर चले जाने वाले लोग, मेरा समाज, मेरा वर्ग, मेरे संघर्ष, मेरी समकालीन राजनीति और साहित्यिक प्रवृत्तियाँ, इन सभी का मेरे और मेरी कविता के रूप-गठन और विकास में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष भाग रहा है।... किशोरावस्था के प्रणय, रूपासक्ति और आकुल निराशा से एक पावन, आत्मसमर्पणमयी वैष्णव भावना और उसके माध्यम से अपने मन के अहम् का शमन कर अपने से बाहर की व्यापक सचाई को हृदयंगम करते हुए संकीर्णताओं और कट्टरता से ऊपर एक जनवादी भावभूमि की खोज मेरी इस छन्द-यात्रा के प्रमुख मोड़ रहे हैं।"---provided by publisher
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