कर्मभूमि प्रेमचंद का राजनीतिक उपन्यास है। इस उपन्यास में विभिन्न राजनीतिक समस्याओं को कुछ परिवारों के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है। ये परिवार अपनी पारिवारिक समस्याओं से जूझते हुए भी राजनीतिक आन्दोलन में भाग ले रहे हैं। लेखक ने उपन्यास के सभी चरित्रों द्वारा राष्ट्रीय चेतना, आदर्श पारिवारिक व्यवस्था आदि में गाँधी दर्शन स्पष्ट किया है। ---provided by publisher